Posted in Emotions, Hindi, Poetry

फ़रियाद !

बहानो की चिता पे जो टूटे हुए वादे है |

मुखाग्नि दे कर, इन्हें भी आज़ाद कर दो ||

मेरे उम्मीदों का दीपक बुझा कर के तुम |

जाओ अपना आशियाना आबाद कर लो ||

नही है तुमसे कोई भी शिकायत |

बस मेरे दिल में अपनी यादे बर्बाद कर दो ||

मेरी किस्मत में तेरी ख़ुशी न सही |

जा कर अपनी जिंदगी शादाब कर लो ||

तेरे जाने से, कहीं थम न जाये सांस मेरी |

बस खुदा से ये आखिरी फ़रियाद कर दो ||

Author:

Not organized, But you will not find it messy. Not punctual, But will be there at right Time. Not supportive, But will be there, when needed. Not a writer, But you will find this interesting.

19 thoughts on “फ़रियाद !

      1. लिखनेवालों को एहसास हो जाता है ऐ दोस्त
        तेरे र्दद को मैं समझ जाऊँ मेरे र्दद को तू पहचान जाता है।

        Liked by 1 person

Leave a comment